"जब एक स्त्री कविता रचती है तो उसकी कविताओं में वात्सल्य सहित नौ रस मौज़ूद होते हैं, छूटता है तो मात्र वीभत्स रस। क्योंकि स्त्री जीवन और सृष्टि में सौंदर्य का आह्वान करती है तथा सत्यम,शिवम, सुंदरम का अनुकरण करती है। वह द्रवित होती है दूसरों का दुख देख कर और प्रफुल्लित होती है अपने हृदय की अनुभूतियों से। कवयित्री आज्ञा तिवारी की कविताओं में सौंदर्य है, प्रेम है, प्रकृति है किन्तु इसके साथ ही सामाजिक विसंगतियों के प्रति गहरी पीड़ा भी है। अपने पहले काव्य संग्रह में ही वे अपनी वैचारिक परिपक्वता एवं भावनात्मक अवगाहन से प्रभावित करती हैं।" - मुख्य अतिथि के रूप में मैंने (डॉ (सुश्री) शरद सिंह ने ) अपने उद्बोधन में कहा साथ ही 'मलयालम साहित्य की दादी' कही जाने वाली सुप्रतिष्ठित कवयित्री स्व. बालमणि अम्मा के जीवन के प्रसंगों पर भी चर्चा की। अवसर था सागर नगर के साहित्यकार, पत्रकार, चिंतक "स्व.जी. पी. चतुर्वेदी अनंत स्मृति पर्व 2022" का। जिसके अंतर्गत साहित्यकार सम्मान एवं पुस्तक विमोचन समारोह भी सम्पन्न हुआ।
वरदान होटल में आयोजित इस समारोह में श्री पूरन सिंह राजपूत कवि
को सम्मानित किया गया तथा कवयित्री श्रीमती आज्ञा तिवारी 'मधु' के प्रथम काव्य संग्रह "मन का मधुमास" का विमोचन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता की नगर के प्रसिद्ध व्यंग्यकार डॉ सुरेश आचार्य जी ने, मुख्य वक्ता थे टीकाराम त्रिपाठी जी एवं विशिष्ट अतिथि थे पंडित पीएन भट्ट ज्योतिषाचार्य जी। आलेख वाचन किया डॉ अशोक तिवारी ने। कार्यक्रम का कुशल संचालन श्री बृज बिहारी उपाध्याय ने किया। कवयित्री आज्ञा तिवारी का परिचय पड़ा श्री कपिल बैसाखी आने तथा कवि पूरन सिंह जी का परिचय पड़ा श्री हरि सिंह ठाकुर जी ने। सम्मान पत्र का वाचन किया श्री रमाकांत शास्त्री जी ने तथा स्वागत भाषण दिया श्री उमाकांत मिश्र, श्यामलम अध्यक्ष ने।
इस अवसर पर कवि श्री मुकेश तिवारी द्वारा अपने प्रभावी गायन के साथ स्मृति गीत प्रस्तुत किया।
समारोह में नगर के साहित्यकारों की उल्लेखनीय उपस्थिति रही।
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