ब्लॉग साथियों, एक सुखद अनुभूति कि कन्नड़ के प्रतिनिधि समाचारपत्र "प्रजावाणी" में मेरे उपन्यास "शिखण्डी" की समीक्षा प्रकाशित हुई है। कन्नड़ में भी मेरे उपन्यास को पसंद किया जाना तथा सराहा जाना मेरे लिए अत्यंत उत्साह की बात है, जिसके लिए मैं अत्यंत आभारी हूं उपन्यास के कन्नड़ अनुवादक श्री डी.एन. श्रीनाथ जी की, जिन्होंने इस उपन्यास का अनुवाद कर कन्नड़भाषी पाठकों एवं समीक्षकों तक इसे पहुंचाया।
यहां मैं अखबार में प्रकाशित मूल समीक्षा की ईपेपर कटिंग एवं गूगल ट्रांसलेटर द्वारा किए गए ट्रांसलेशन - दोनों पोस्ट कर रही हूं। यद्यपि संभव है कि ट्रांसलेटर ने हूबहू ट्रांसलेट न कर पाया हो किंतु भावार्थ तो पढ़ा ही जा सकता है। साथ ही श्रीनाथ जी द्वारा भेजे गए अखबार की कटिंग भी पोस्ट कर रही हूं। यह 01 अक्टूबर 2023 को प्रकाशित हुआ था।
बस, हर खुशी के मौके पर एक दुख सालता है कि काश ! आज दीदी साथ होतीं... तो यह देखकर बहुत खुशी होती... मुझे भी कहीं ज़्यादा....
https://www.prajavani.net/short-story (Prajavani kannada news paper. Sunday dated 01.10.23)
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