Monday, December 16, 2024

डॉ (सुश्री) शरद सिंह के बुंदेली ग़ज़ल संग्रह "सांची कै रए सुनो, रामधई" का लोकार्पण

जहां अपनत्व भरे लोगों की आत्मीयता हो, शुभकामनाएं हों, शुभाशीष हो...और श्यामलम संस्था आयोजक हो... वहां सब कुछ अच्छा-अच्छा होता है... कल शाम मेरी भावुकता पराकाष्ठा पार कर गई और आंखें भर आईं... जब मेरे बुंदेली ग़ज़ल संग्रह "सांची कै रए सुनो, रामधई" का स्थानीय दीपक होटल के सभागार में लोकार्पण हुआ... सभी की आत्मीय उपस्थिति ने मन को छू लिया...❤️
     🚩आयोजन के मुख्य अतिथि थे बुंदेली साहित्य एवं संस्कृति के सुविज्ञ संरक्षक, कुशल वक्ता बहादुर सिंह परमार जी, आचार्य, हिन्दी अध्ययनशाला एवं शोध केन्द्र महाराजा छत्रसाल बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय, छतरपुर (म.प्र.), अध्यक्षता की सागर के ख्यातिलब्ध गीतकार एवं सेवानिवृत्त वरिष्ठ चिकित्सक 'गीत ऋषि' डॉ. श्याम मनोहर सीरोठिया जी, विशिष्ट अतिथि थीं छतरपुर की प्रतिष्ठित साहित्यकार सुश्री आभा श्रीवास्तव जी। 🙏 
      🚩आयोजन के आरंभ में श्यामलम अध्यक्ष बड़े भाई उमाकांत मिश्र जी द्वारा स्वागत भाषण उपरांत कुशल संचालन किया डॉ. अंजना चतुर्वेदी तिवारी जी प्राध्यापक, शासकीय उत्कृष्टता कन्या महाविद्यालय सागर ने तथा सुमधुर शहर में सरस्वती वंदना प्रस्तुत की वरिष्ठ कवि श्री पूरन सिंह राजपूत जी ने।🙏
     🚩इस अवसर पर श्यामलम संस्था द्वारा मुझे सम्मानित किया गया जिसमें सम्मान पत्र का वचन सुपरिचित कवि एवं चिंतक मुकेश तिवारी जी ने किया। उल्लेखनीय है कि यह सम्मान पत्र उन्हीं के द्वारा बुंदेली में ही लिखा गया है।🙏
     🚩संग्रह के लोकार्पण के बाद उपरांत मेरे संक्षिप्त भावुक वक्तव्य के उपरांत प्रसिद्ध लोकगायक देवीसिंह राजपूत जी ने बिना वाद्ययंत्रों के मेरी दो ग़ज़लों का सुमधुर सस्वर गायन कर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। 🙏
     🚩 समूचे आयोजन में मेरे प्रिय अनुज श्री राम सेवा समिति के अध्यक्ष एवं प्रतिष्ठित समाजसेवी डॉ विनोद तिवारी की सक्रियता अद्वितीय रही। श्यामलम संस्था के सदस्य श्री हरि शुक्ला जी, हरिसिंह ठाकुर एवं श्री संतोष पाठक जी सहित सभी सदस्यों का अथक दायित्व निर्वहन रहा। तथा, यह पूरा आयोजन संभव बनाने वाले आदरणीय अग्रज श्री उमाकांत मिश्रा जी का अवदान तो हमेशा एक उत्कृष्ट एवं अनुकरणीय उदाहरण रहता है🙏
      🚩 आभार प्रदर्शन किया डॉ नलिन निर्मल जी ने।
      🚩अपने व्यस्ततम दिनचर्या से समय निकाल कर पूरे समय अपनी गर्मियों में उपस्थिति बनाए रखें उन सभी आत्मीयजन की मैं आभारी हूं ...कृतज्ञ हूं ... भारतीय सेना के कर्नल पंकज सिंह जी जो स्वयं भी एक उच्चकोटि के कवि हैं और मेरे अनुजसम हैं, डॉ. शशिकुमार सिंह जी प्रोफेसर संस्कृत विभाग डॉ हरिसिंह गौर विवि सागर, डॉ नौनिहाल गौतम जी संस्कृत विभाग डॉ हरिसिंह गौर विवि सागर, डॉ मनीष झा जी वरिष्ठ अस्थिरोग विशेषज्ञ, डॉ आराधना झा जी वरिष्ठ अस्थिरोग विशेषज्ञ, डॉ वंदना गुप्त जी वरिष्ठ स्त्रीरोग विशेषज्ञ एवं समाजसेवी, डॉ नीलिमा पिंपलापुरे जी लेखिका एवं समाज सेवी, डॉ डी.के. सिंह प्रभारी आप पार्टी, श्री शुकदेव प्रसाद तिवारी जी स्वतंत्रता संग्राम सेनानी तथा सचिव श्रीसरस्वती पुस्तकालय एवं वाचनालय, श्री लक्ष्मीनारायण चौरसिया जी वरिष्ठ कवि, श्री अरुण सिंघई व्यवसायी एवं समाजसेवी, डॉ संध्या सर्वटे जी फोटोग्राफर एवं कवयित्री, श्रीमती स्वाति हल्वे जी चित्रकला प्रशिक्षक एवं समाजसेवी, श्री प्रफुल्ल हल्वे जी खेल प्रशिक्षक, श्रीमती अलका अग्रवाल जी कुशल होम मेकर, श्री संतोष रोहित "मित्र" जी कवि, भाजपा नेता एवं अध्यक्ष प्रवाह संस्था, श्री आर के तिवारी जी वरिष्ठ कथाकार एवं अध्यक्ष पाठकमंच सागर, डॉ ऋषभ भारद्वाज संस्कृतविद, श्री पेट्रिस फुसकेले वरिष्ठ अधिवक्ता एवं साहित्यकार, श्रीमती नृम्रता फुसकेले जी कवयित्री एवं समाजसेवी, श्री टीकाराम त्रिपाठी जी अध्यक्ष प्रलेस सागर, श्री पीआर मलैया जी कवि एवं विचारक, डॉ आशीष ज्योतिषी जी वरिष्ठ कांग्रेसी नेता एवं समाजसेवी,  डॉ आशीष द्विवेदी जी ओजस्वी वक्ता एवं संस्थापक पत्रकारिता महाविद्यालय इंकमीडिया, वरिष्ठ पत्रकार श्रीमती रेशू जैन जी पत्रिका समाचारपत्र, वरिष्ठ साहित्यिक पत्रकार श्री मनीष दुबे जी, श्री वीरेंद्र प्रधान जी वरिष्ठ कवि, डॉ सतीश पाण्डेय जी वरिष्ठ कवि एवं प्राचार्य पीएमश्री शास.उ.मा.विद्यालय,  डॉ चंचला दवे जी वरिष्ठ कवयित्री, डॉ लक्ष्मी पांडेय जी वरिष्ठ साहित्यकार एवं प्राध्यापक हिंदी डॉ हरिसिंह गौर विवि, श्री पुष्पेंद्र दुबे जी सुप्रसिद्ध भजन गायक एवं कवि, श्री वीनूराणा वरिष्ठ अधिवक्ता एवं समाजसेवी, डॉ नवनीत धगट जी कवि साहित्यकार, सुश्री  उषा बर्मन जी कथाकार, श्रीमती अर्चना प्यासी जी कवयित्री एवं गायिका, श्रीमती अणिमा पाठक, श्री संतोष श्रीवास्तव विद्यार्थी जी वरिष्ठ कवि, श्री मनोज श्रीवास्तव जी लोक एवं रंगकर्मी,  श्री शिवरतन यादव जी वरिष्ठ लोकगीत गायक, सुश्री ज्योति झुड़ेले जी कवयित्री, सुश्री सुमन झुड़ेले जी कवयित्री, श्री पंकज शर्मा जी डायरेक्टर साहिल सिक्योरिटी सर्विस, सुश्री देवकी नायक जी राष्ट्रपति पुरस्कार शिक्षिका एवं कथाकार, श्री प्रदीप पांडे जी मोटिवेशनल स्पीकर एवं उपन्यासकार, श्रीमती लीना घोष जी महिला बाल विकास अधिकारी एवं सुमधुर गायिका, श्री कैलाश तिवारी विकल जी कवि, श्रीमती शशि दीक्षित जी कवयित्री, श्री अंबिका यादव जी मोटिवेशनल गुरु, प्रभात कटारे चर्चित कवि,  श्री पवन रजक कवि  एवं  आयोजन में पधारे सभी विद्वतजन 🙏
    सभी के इस एवं आत्मीयता के समक्ष "आभार" शब्द बहुत लघु प्रतीत होता है जो कुछ कल मुझे स्नेहिल अनुभूति के रूप में प्राप्त हुआ वह शब्दातीत है ...  सभी का हार्दिक आभार 🙏❤️🙏
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