23.03.2025, दोपहर... गोपालगंज झंडा चौक स्थित नृत्य गोपाल मंदिर ऋषिकुल संस्कृत विद्यालय परिसर में चल रही विदुषी श्रीमति पुष्पा शास्त्री द्वारा सुनाई जा रही सप्त दिवसीय संगीतमय श्रीराम कथा के चौथे दिन सत्संग के दौरान मुझे भी श्री रामकथा पर अपने विचार व्यक्त करने का सौभाग्य मिला। मैंने कथा सुनने के महत्व को बताते हुए रावण की पत्नी मंदोदरी के चरित्र की व्याख्या करते हुए एक रोचक प्रसंग का उल्लेख किया और कहा कि उसने अपने पति की अपेक्षा श्री राम को उत्तम पुरुष ठहराया क्योंकि उसका कहना था कि 'मेरे पति ने पराई स्त्री का हरण किया किंतु आपने पराई स्त्री की छाया को भी स्पर्श नहीं किया। अतः आप मेरे पति रावण से श्रेष्ठ हैं।'
मैंने उस दृश्य का भी उल्लेख किया जब वन गमन के दौरान श्री राम सीता और लक्ष्मण जा रहे होते हैं तो सबसे आगे श्री राम, मध्य में सीता जी और अंत में लक्ष्मण चलते हैं अर्थात स्त्री की सुरक्षा को सर्वोपरि मानते हुए दोनों भाई सीता जी को मध्य में रखकर चलते थे। आज भी हमें स्त्री सुरक्षा को महत्व देना चाहिए। अपने घर के बालकों को लड़कियों तथा स्त्रियों का सम्मान करना सीखना चाहिए, तभी स्त्रियों के विरुद्ध बढ़ते हुए अपराध रख सकेंगे।