"यदि पद्माकर के काव्य की विषयवस्तु की समग्रता को जानना हो तो उनके ग्रंथ ‘‘जगद्विनोद’’ को अवश्य पढ़ा जाना चाहिए। इसे पढ़ने के बाद कवि पद्माकर के कवित्व के समस्त पक्ष सामने आते हैं।" - बतौर मुख्य वक्ता मैंने ( #डॉसुश्रीशरदसिंह) पद्माकर के ग्रंथ ‘‘जगद्विनोद’’ पर अपना व्याख्यान दिया।
अवसर था मध्य प्रदेश शासन संस्कृति विभाग के अंतर्गत साहित्य अकादमी की ओर से सागर में महाकवि पद्माकर स्मृति समारोह का आयोजन। मुख्य अतिथि थे सागर के विधायक भाई शैलेंद्र जैन जी तथा अध्यक्षता करते गीतऋषि डॉ श्याम मनोहर सीरोठिया जी ने। श्यामलम अध्यक्ष उमाकांत मिश्रा जी ने पूर्वकथन प्रस्तुत किया तथा स्वागत भाषण पाठक मंच के अध्यक्ष श्री आरके तिवारी जी ने दिया। होटल वरदान की सभागार में आयोजित इस कार्यक्रम का कुशल संचालन डॉ अंजना चतुर्वेदी तिवारी जी ने किया।
इस अवसर पर पद्माकर अलंकरण समिति सागर द्वारा चतुर्थ पद्माकर अलंकरण से वरिष्ठ साहित्यकार टीकाराम त्रिपाठी जी को अलंकृत किया गया।
आयोजन के द्वितीय चरण में कवि गोष्ठी संपन्न हुई।
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🚩हार्दिक आभार साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति विभाग 🌹🙏🌹
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