Saturday, July 12, 2025

टॉपिक एक्सपर्ट | अखीर दिन फिरे आरओबी के | डॉ (सुश्री) शरद सिंह | पत्रिका | बुंदेली कॉलम

पत्रिका | टॉपिक एक्सपर्ट | बुंदेली में
टॉपिक एक्सपर्ट
अखीर दिन फिरे आरओबी के
- डॉ (सुश्री) शरद सिंह

       चलो, आज आप ओरन खों एक आरओबी की किसां सुनाएं। भौत दिनां पैले की बात आए के मकरोनिया रेलवे टेशन से सागर टेशन के बीच रई एक ऐसी क्रासिंग के उते रेलगाड़ी कढ़त के टेम पे कछू नईं तो आद-पौन घंटा बंद फाटक पे ठाड़े रैने परत्तो। सो, उते आरओबी मने रेलवे ओव्हर ब्रिज बनबे को काम सुरू भओ। अब जे न पूछियो के जो काम कितेक पैले सुरू भओ! काए से के ईको देखबे को ख्वाब देखत-देखत मुतके जने कोरोना से निपट गए। ईसे आप ईके सुरू होबे के टेम की गिनती खुदई कर लेओ। बाकी आरओबी को काम चालू होबे से फाटक परमानेंट बंद कर दओ गओ। सब खों एक्स्ट्रा डीजल पेट्रोल फूंकत भए चक्कर काट के आने-जाने परो। मनो कछू नईं इत्ती कुरबानी तो चलत आए।
          मनो, बरयाबर के आरओबी बनबे को काम अबई एकाद मईना पैले पूरो भओ। पब्लिक खुस भई के चलो अब कोऊं खों चक्कर काट के जाने ने परहे। दोपहिया वारे सो आरओबी पर से कढ़न बी लगे। बाकी कोनऊं रोड होय, चाए पुल होय, जबलौं कोऊ मालक फीता ने काटे, तब लौं पब्लिक खों ऊपे से चलबे खों कैसे मिल सकत्तो। उद्घाटन के लाने दो बेर महूरत निकरो औ कैंसल भओ। बाकी अब कऊं जाके ई आरओबी के दिन फिरबे को फाईनल महूरत आओ। सो जे रई किसां एक आरओबी की। अब जे तो बाद में पतो परहे के जा कैसी बनी? बाकी सोचबे वारी बात आए के एक ठइयां आरओबी बनाबे में जो पांच-सात साल लगहें तो कैसे काम चलहे। मनो, घूरा के दिन फिरत आएं बारा बरस में, औ जे आरओबी के तो ऊसे आधे समै में दिन फिर गए। सो, बनाबे वारन को आभार मननेई परहे, औ सबई जनों खों खूब-खूब बधाई पौंचे !
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Thank you Patrika 🙏
Thank you Dear Reshu Jain 🙏
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